माना के मुश्किल हैं टेढ़े भी हैं
सीधे ये जीवन के रस्ते नहीं
पर जिन्दगी रूठ जाती है उनसे
जो रोते ही रहते हैं हंसते नहीं
दुख का ये बादल भी छंट जायेगा
ये एक लम्हा है कट जायेगा
आंसू की माला पिरोना ना तुम
मोती हैं ये इनको खोना ना तुम
आंसू ये तेरे अनमोल है महंगे बडे. हैं ये सस्ते नहीं
हां जिन्दगी रूठ जाती है उनसे जो रोते ही रहते हैं हंसते नहीं
ना भूलना मुस्कुराना कभी
इक दौर अच्छा है आना अभी
रूकना नहीं इस पल में तुझे
खुशियां मिलेंगी कल में तुझे
ये पल तो केवल ठहराव है मंजिल नहीं इसमें बसते नहीं
हां जिन्दगी रूठ जाती है उनसे जो रोते ही रहते हैं हंसते नहीं
माना के ऐसा भी हो जाता है
दिल ये अकेले में रो जाता है
इक कारवां पर तेरे साथ है
सर पे मौहब्बत भरे हाथ हैं
दम दोस्ती का अगर संग हो फिर यूं सुखों को तरसते नहीं
हां जिन्दगी रूठ जाती है उनसे जो रोते ही रहते हैं हंसते नहीं
दीक्षित